//दुरिताचे तिमिर जावो / विश्व स्वधर्मसुर्ये पाहो //
इतनी तो जगह दे दाता
चरणोंमें तेरे आऊं
यही वजह जीनेकी पाकर
धन्य धन्य हो जाऊं
तुझबिन तो सब रंग है फीके
दुनिया मेरी अधूरी
क्या करना ,क्या पाना ,
कर दे कमी मेरी सब पूरी
तेरे साथ है जीना
वरना ख़ाक है काया मेरी
तू है आत्मसम्मान सभीका
चाहत सबको प्यारी
ना जाने क्यूँ दुनिया मुझको
बार बार ठुकराए
तेरी कृपाही मुझको अपनीओर
खींचती लाये
लोगोंको कैसे समझाऊं
तूही है कर्ता,भर्ता
अहंकार इनका मैं तोडूं
कैसे बता दे दाता
दया ,क्षमा ,शान्तिका धर्म
ना जाने है कोई
विनित भाव दुनियाको जीते
तुही बता दे सांई
चरणोंमें तेरे आऊं
यही वजह जीनेकी पाकर
धन्य धन्य हो जाऊं
तुझबिन तो सब रंग है फीके
दुनिया मेरी अधूरी
क्या करना ,क्या पाना ,
कर दे कमी मेरी सब पूरी
तेरे साथ है जीना
वरना ख़ाक है काया मेरी
तू है आत्मसम्मान सभीका
चाहत सबको प्यारी
ना जाने क्यूँ दुनिया मुझको
बार बार ठुकराए
तेरी कृपाही मुझको अपनीओर
खींचती लाये
लोगोंको कैसे समझाऊं
तूही है कर्ता,भर्ता
अहंकार इनका मैं तोडूं
कैसे बता दे दाता
दया ,क्षमा ,शान्तिका धर्म
ना जाने है कोई
विनित भाव दुनियाको जीते
तुही बता दे सांई